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कल २ फ़रवरी को काशी प्रांत के सुरियावाँ में बहुमुखी प्रतिभा के धनी, संस्कृति दूत एवं संस्कृत के अंतराष्ट्रीय ब्राण्ड ऐम्बैसडर मेगास्टार आज़ाद का भव्य नागरिक अभिनंदन किया जाएगा। पूरा इलाक़ा मेगास्टार आज़ाद के पोस्टर-बैनर से पटा हुआ है।युवाओं में उत्साह चरम पर है।काशी प्रांत के बुद्धिजीवी और कलारसिक मेगास्टार आज़ाद को सम्मानित करने के लिए उत्साहित नज़र आ रहे हैं।

बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी भारत की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक नगरी के रूप में सदियों से विख्यात है। मुंशी प्रेमचंद, जय शंकर प्रसाद से लेकर उस्ताद बिस्मिल्ला खान एवं पंडित छन्नूलाल मिश्र की धरती काशी प्रांत अब अपने एक और कलापुत्र, भूमिपुत्र, राष्ट्रपुत्र मेगास्टार आज़ाद का नागरिक अभिनंदन करने जा रहा है। सनातनी राष्ट्रवादी फ़िल्मकार आज़ाद की शिक्षा-दीक्षा नाशिक स्थित भोंसला मिलीटरी स्कूल में हुई, जिसकी स्थापना स्वयं महान क्रांतिकारी विचारक एवं भारत में सैन्य विद्यालय के प्रणेता डॉक्टर बालकृष्ण शिवराम मूँजे ने 1937 में किया था।

मेगास्टार आज़ाद ने अपनी राष्ट्रवादी फ़िल्म राष्ट्रपुत्र का सृजन कर माँ भारती के महान सपूत चंद्रशेखर आज़ाद के व्यक्तित्व और कृतित्व को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित प्रसारित किया। विश्वविख्यात कान फ़िल्म फ़ेस्टिवल में राष्ट्रपुत्र को अपार जन समर्थन मिला। उसके बाद आज़ाद ने भारतीय संस्कृति और धरोहर को विश्व स्तर पर प्रदर्शित करने के उद्देश्य से विश्व इतिहास में पहली मुख्यधारा की संस्कृत फ़िल्म अहम ब्रह्मास्मि का सृजन किया। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के प्रखर प्रवक्ता के रूप में उभरकर मेगास्टार आज़ाद ने संस्कृत को विस्मृत भाषा के कारागार से निकालकर उसे जनभाषा बनाने के अभियान में सतत प्रयत्नशील हैं। आज़ाद की लगन,मेहनत और प्रतिभा को देखते हुए विश्व साहित्य परिषद ने उन्हें संस्कृत के अन्तर्राष्ट्रीय ब्राण्ड ऐम्बैसडर नियुक्त किया है।


इतना ही नहीं, मेगास्टार आज़ाद ने संस्कृति के तल पर उत्तर और दक्षिण भारत को जोड़ने के महत उद्देश्य से तमिल भाषा में महानायकन बनाकर अपनी बहुमुखी प्रतिभा का परिचय दिया है।


सुरियावाँ की माटी के लाल आज़ाद एक लेखक, निर्देशक एवं अभिनेता के तौर पर हर एक देश-काल और भाषा की चुनौतियों से टकराते रहे हैं और विजेता बन कर नए नए सिनेमाई प्रयोग करते रहे हैं। आज़ाद अपनी महत्वाकांक्षी इंग्लिश फ़िल्म द ग्रेट पेट्रीयट लेकर लंदन जा रहे हैं और अंग्रेज़ों को उन्ही की भाषा में राष्ट्रवाद का मर्म समझाएँगे।

आज़ाद अपने नाम के अनुरूप आज़ाद हैं। उनके क्रीएशन के लिए पूरा विश्व एक ग्लोबल विलेज हैं। पूरे देश के साथ साथ सुरियावाँ का नाम विश्व स्तर पर रोशन करने निकल पड़ा है मेगास्टार आज़ाद। अपने इस लाड़ले कलाकार को काशी प्रांत के लोग कितना चाहते हैं ये तो आज़ाद के स्वागत में लिखे शब्दों से ही समझा जा सकता है। आज़ाद एक विचार है,हम सबका संस्कार ह

कल उस ऐतिहासिक घड़ी का इंतज़ार रहेगा जब खुले मैदान में हज़ारों -लाखों आँखों के सामने आज़ाद सम्मानित होंगे।

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